Monday, February 1, 2016

धीरे चले तो जल्दी पहुँचोगे


     दौड़ने वाले पीछे रह जाते हैं,और जो सहज चलते हैं वे बहुत आगे निकल जाते हैं।कोरिया में एक वृद्ध भिक्षु एक नदी पार कर रहा है।और उसके साथ एक युवा भिक्षु भी है। नदी के पार पहुँचकर जैसे ही नाव बांधी है मांझी ने, तो उन्होने उस बूढ़े से पूछा है कि गांव कितना दूर है, क्योंकि हमने सुना है कि सूरज ढलते ही गांव का द्वार बन्द हो जायेगा। और सूरज ढल रहा है। कितना दूर है?हम पहुँच पायेंगे कि नहीं? मांझी ने नाव बांधते हुए कहा कि धीरे गये तो पहुंच भी सकते हैं। अब ऐसे पागल की बात कौन सुने। उन्होने सोचा कि यह पागल है। इसकी बात में पड़े तो गये। क्योंकि कहता है कि धीरे गये, तो पहुँच भी जाओगे।
     वे भागे। फिर उन्होने पूछा भी नहीं। सांझ हो रही है। सूरज ढला जा रहा है। वे तेज़ी से भाग रहे हैं, क्योंकि द्वार बन्द हो गया, तो जंगल में रह जाना पड़ेगा। पहाड़ी रास्ता है।फिर सूरज एकदम ढलने के करीब हो गया है, वे और तेज़ी से भागे। फिर वह बूढ़ा गिर गया। उसके घुटने टूट गये और लहू बह गया और उसकी किताबों के पन्ने बिखर गये, जो वह सिर पर लिये था। फिर वह मांझी पीछे से गीत गाता हुआ आ रहा है। वह पास आकर खड़ा हो जाता है। उसने कहा, मैने कहा था, क्योंकि मेरा बहुत दिन का अनुभव है। रोज ही सांझ यहां कोई उतरता है,और रोज़ ही कोई मुझसे पूछता है कि कितनी दूर है? पहुँच जायेंगे न सूरज ढलते? तो मेरा निरंतर का अनुभव यह है कि जो धीरे जाते हैं, वे पहुँच भी जाते हैं। रास्ता बहुत बीहड़ है। जो तेज़ी से जाते हैं,अक्सर गिर जाते हैं। लेकिन मेरी बात उस वक्त ठीक नहीं लगती, क्योंकि उन्हें यह लगता है कि धीरे गये,तो कैसे पहुँचेंगे। क्योंकि हमारा पहुँचने का ख्याल ही तेज़ जाने वाले से जुड़ा हुआहै।लेकिन कुछ मुकाम ऐसे भी हैं जहां धीरे जाने से पहुँचते हैं।और कुछ मुकाम ऐसे हैं,जहां जाने से कभीपहुँचते ही नहीं। न जाने से पहुँच जाते हैं। पर उन मुकामों का हमें कोई पता नहीं है।
     सक्रियता जो है, वह आपकी चेष्टा नहीं है।सक्रियता आपके भीतर शक्ति का सहज प्रगटन है,आपकी चेष्टा नहीं है।आप अपनी चेष्टा से सक्रिय नहीं हैं।और अगर आप बिल्कुल सहज हो जाते हैं, तो आपके भीतर की जो शक्ति है, वह आपको सक्रिय रखेगी।लेकिन वह सक्रिय
होना उतना ही होगा, जितनी शक्ति होगी, उससे ज्यादा कभी नहीं होगी। इसलिए रिएक्शन की निष्क्रियता कभी भी नहीं आयेगी और कभी थेकेंगे नहीं, क्योंकि थकने के पहले शक्ति वापस लौट जायेगी।

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